बारां (कोटा संभाग) , 02 मई |
संवाददाता शिवकुमार शर्मा
सत्संग भवन मार्ग स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चल चिकित्सा ईकाई में गुरूवार को बारां ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों की बैठक उप निदेशक आयर्वेद डॉ. रमेश सांवत की अध्यक्षता में हुई। जिसमें मौसमी बीमारियों से बचाव व चिकित्सा व्यवस्था दुरस्त करने के निर्देश दिए गए। साथ ही कहा कि ग्रीष्म ऋतु वित प्रकोपक काल है। जिसमें पित्त और गर्म, तीखे, शुष्क और तीव्र गुण हमारे भीतर बढ़ जाते हैं। इनके संतुलन हेतु ठीक पित्त गुण के विवरीत आहार और विहार का सेवन करना चाहिए। उन्होंने आम जन को गर्मी से बचाव के उपाय बताए। जिसमें लंबे समय तक धूप में रहने बचने, खाने में स्वच्छता का ध्यान रखन, तरल पेय पदार्थों का सेवन करने, एक बार में अधिक खाने से परहेज करने, मसालेदार भोजन नहीं करने, आरामदायक कपड़े पहनने, प्रातः प्राणायामक रने और रोग होने पर नजदीक के आयुर्वेद चिकित्सालय में संपर्क करने की सलाह दी। बैठक में उपनिदेशक सांवत ने सभी चिकित्सकों को माह में एक बार आयुर्वेद चिकित्सा शिविर लगाने का सुझाव दिया। जिस पर चल चिकित्सा इकाई प्रभारी डॉ. मीणा ने 13 मई को स्वर्ण प्राशन एवं चिकित्सा शिविर लगाने की स्वीकृति ली। बैठक में आयुर्वेद चिकित्सक संघ अध्यक्ष डॉ. हेमराज सेन ने सुझाव दिया कि प्रत्येक माह होने वाली मासिक बैठक में रोग विशेष पर चर्चा हो एवं वर्ष में एक बार व्याधियों पर कार्यशाला होनी चाहिए। ताकि चिकित्सकों को नए रोगों व उनके के बारे में जानकारी मिल सके।
ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिशंकर मीणा ने बताया कि बैठक में उपनिदेशक डॉ. सांवत ने सभी चिकित्साधिकारी को समय पर औषधायल पहुंचने, मरीजों को औषधी देकर स्वस्थ रखने व रोगप्रतिरोधक काढ़़ा वितरण के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने चल चिकित्सा इकाई का निरीक्षण किया तथा संतुष्टी जाहिर की। इस अवसर पर इकाई प्रभारी डॉ. हरिशंकर मीणा ने उपनिदेशक अवगत कराया कि मुख्यत इस चल चिकित्सा इकाई में पिछले तीन वर्षों से अर्श, भंगदर एवं चर्म रोग के मरीजों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि होती जा रही है। ऐसे में यहां संशाधन और भवन की मरम्मत की आवश्यकता है। इस पर उन्होंने शीघ्र ही उच्चाधिकारियों को अवगत कराने का भरोसा दिलाया। ताकि चल चिकित्सा इकाई का अधिकाधिक लोगों को लाभ मिल सके। इस दौरान मरीजों से फीडबेक लिया। कुछ मरीज बाहर से भी आए हुए थे। बैठक में डॉ. जितेंद्र िंसंह हाड़ा, डॉ. नीरज यादव, डॉ. नवीन वर्मा, डॉ. रमेश मेहता, डॉ. प्रेम दाधीच, डॉ. प्रिंस कपूर, डॉ. हेमराज मीणा, कंपाउंडर शिवशंकर नागर आदि मौजूद थे।