बूंदी (कोटा संभाग) 20 मई।
संवाददाता शिवकुमार शर्मा
नारी पूजक देश के लिए लैंगिक उत्पीड़न एक कलंक है, नियंत्रण हेतु वातावरण निर्माण आवश्यक
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के एक्शन प्लान व विभागीय निर्देशानुसार महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, पोश एक्ट 2013 के प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता हेतु एक दिवसीय क्षमतावर्धन एवं उन्नयन जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन पेच ग्राउंड स्थित स्काउट गाइड भवन पर किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता कामकाजी महिलाओं पर शोधकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता डॉ सविता लोरी ने की। महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक ऋचा शर्मा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ महावीर कुमार शर्मा,महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक भेरू प्रकाश नागर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पीएलवी डॉ सर्वेश तिवारी व अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश गोस्वामी बतौर मुख्य वक्ता मंचासीन रहे। द्वितीय सत्र में सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गा कंवर की अध्यक्षता में परिचर्चा एवं प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें बैंक ऑफ़ बड़ौदा के वित्तीय साक्षरता सलाहकार डीपी काबरा व सहायक अग्रणी जिला प्रबंधक परवेश चंद्र ने स्वरोजगार, डिजिटल लिटरेसी एवं साइबर सिक्योरिटी तथा कैम्पस एंबेसेडर सिद्धि नामा व अक्षरा गौतम ने महिला सुरक्षा पर जागरूक किया।
स्काउट गाइड भवन के प्रांगण में आयोजित कार्यशाला में बोलते हुए डॉ सविता लोरी ने कामकाजी महिलाओं के शोध आधारित तथ्यों की जानकारी देते हुए कहा कि महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न को रोकने की दिशा में पोश एक्ट एक प्रभावी कानून है लेकिन सामाजिक पृष्ठभूमि में लैंगिक अपराधों के प्रति नकारात्मक वातावरण निर्मित होना बेहद आवश्यक है। उन्होंने यौन उत्पीड़न नियंत्रण में सामाजिक परिपेक्ष पर जानकारी दी। वहीं मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ महावीर कुमार शर्मा ने लैंगिक अपराधों से जुड़े भावात्मक व्यवहारिक पक्ष को स्पष्ट करते हुए संभागियों को ऐसे कृत्यों के विरुद्ध खुलकर विरोध प्रकट करने का पाठ पढ़ाया। आयोजन का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए विभाग के सहायक निदेशक भेरू प्रकाश नागर ने कहा कि इस एक्ट के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता आवश्यक है ताकि प्रत्येक कार्यस्थल पर प्रभावी कार्यवाही हेतु आंतरिक परिवाद समिति का गठन व कार्यशीलता हो।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पीएलवी डॉ सर्वेश तिवारी ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि भारत में महिलाओं और सभी कर्मचारियों को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाया गया पोश अधिनियम 2013 में भारतीय संसद द्वारा पारित किया गया था और यह भारत में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित कार्यस्थल वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिनियम में लैंगिक उत्पीड़न को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है एवं प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक कार्यालय या शाखा में जिसमें 10 या अधिक कर्मचारी हों, एक ‘आंतरिक शिकायत समिति’ स्थापित की जाए, यह समिति यौन उत्पीड़न की शिकायतें प्राप्त करने, जांच करने और मामले को सुलझाने के लिए जिम्मेदार है। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग उपनिदेशक ऋचा शर्मा ने लैंगिक उत्पीड़न से जुड़े सामाजिक परिपेक्ष की जानकारी दी। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश गोस्वामी ने शैक्षणिक जागरूकता के साथ लैंगिक उत्पीड़न नियंत्रण जागरूकता से रूबरू करवाया। कार्यशाला के परिचर्चा सत्र में भाग लेते हुए संभागियों ने माना कि नारी पूजक देश के लिए लैंगिक उत्पीड़न एक सामाजिक कलंक है जिसे सामूहिक वातावरण निर्मित कर ही रोका जा सकता है। कार्यशाला का संचालन वरिष्ठ सहायक रविराज मिश्रण ने किया।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रीति शर्मा, ममता कंवर और गुड्डी बाई बनी विजेता
पोश एक्ट 2013 से जुडे विधिक प्रावधानों पर आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में अजमेर की सहभागी प्रीति शर्मा, सहसपुरिया ग्राम की ममता कंवर एवं दबलाना की गुड्डी बाई विजेता रहीं। विजेता प्रतिभागियों को अतिथियों ने माल्यार्पण कर सम्मानित किया।
कन्या महाविद्यालय प्रभारी डॉ मनीलता पंचानौत, उमंग संस्थान सचिव कृष्णकांत राठौर,पीएलवी हंसराज चौधरी, रक्षा शर्मा, शिक्षिका विक्टोरिया शर्मा, प्रशिक्षक कमलेश दाधीच, हेमलता गुरबानी, रोवरमेट आतिश वर्मा विभाग की जेंडर स्पेशलिस्ट विनीता अग्रवाल, महिला शक्ति केंद्र की प्रबंधक पूर्णिमा गौतम, परामर्शदाता सलोनी शर्मा, आरती शर्मा, नवल शर्मा, महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र की विधिक परामर्शदाता छाया सक्सेना, केंद्र लाखेरी से रक्षा सोनी, केशवराय पाटन से ईरम जहां, हिंडोली से रीना चित्तौड़ा, सखी वन स्टॉप सेन्टर से प्रियंका नरुका तथा केस वर्कर अनुराधा पांचाल सहित विभिन्न स्वयंसेवी संगठन, स्कूल प्रतिनिधियों सहित स्वयं सहायता समूह एवं महिला साथीन कार्यकर्ताओं ने कार्यशाला सत्र में सक्रिय सहभागिता की।