संवाददाता दिनेश जाखड़
झुंझुनू, 28 जून। झुंझुनू उपखण्ड अधिकारी सुमन सोनल की अध्यक्षता में नए आपराधिक कानून विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में अभियोजन विभाग के सहायक निदेशक प्रमोद कुमार हटवाल, अभियोजना अधिकारी मदनलाल वर्मा एवं सुरेखा ने संगोष्ठी में 1 जुलाई से लागू होने वाले नए कानूनों के संबंध में हुए बदलाव के बारे में जानकारी दी। तीनों नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को लाने का उद्देश्य जांच और न्याय प्रणाली को सभी के लिए सहज और सुलभ बनाना है। उन्होंने सभी अधिवक्ताओं से अपील की है कि इस नई संहिता एवं अधिनियमों के बारे में आवश्यक रूप से अध्ययन करना चाहिए इसके अलावा आमजन को भी इसकी जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में आईपीसी के अधिकांश अपराधों को बरकरार रखा गया है एवं इसमें सामुदायिक सेवा को भी सजा के रूप में शामिल किया गया है। संगोष्ठी में प्रदीप जांगिड, सुनील महला सहित बडी संख्या में अधिवक्तागण एवं अन्य कार्मिक उपस्थित रहे।
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