ब्यूरो चीफ दीपचंद शर्मा
15 जुलाई 2024 । मथुरा
अखिल भारत हिंदू महासभा के उत्तर प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष पंडित संजय हरियाणा ने बताया धार भोजशाला मामले में एएसआई की 2000 पेपर की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गई है। सर्वे के दौरान 94 पौराणिक मूर्तियां, खंभों पर मिले हिंदू देवताओं की आकृति, गणेश जी, ब्रह्मा जी, नरसिंह भगवान, भैरव जी की मूर्तियां भी इस दौरान वहां मिली। पौराणिक काल के सिक्के भी सर्वे के दौरान मिले हैं। 1700 से ज्यादा अवशेष और ठोस प्रमाण मिले हैं ।98 दिन तक इसमें सर्वे चला था और एएसआई ने उसके पश्चात 2020 की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की है रिपोर्ट के आने से हिंदू जनमानस में हर्ष की लहर दौड़ गई है।पंडित संजय हरियाणा ने भोजशाला विवाद पर प्रकाश डालते हुए बताया। मध्य प्रदेश के इंदौर बेंच ने एएसआई वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया था दरअसल यह मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है ।जिसे सन 1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था लेकिन बाद में मुगलों ने उसे तोड़ दिया ।1000 साल पुरानी भोजशाला में वैज्ञानिक सर्वे जो रिपोर्ट आई है। वह निश्चित तौर पर हिंदुओं की एक बहुत बड़ी जीत है। सन 1000 से 1055 तक राजा भोज परमार वंश के सबसे बड़े शासक ने यहां अपना शासन किया था उन्होंने धार्मिक यूनिवर्सिटी की स्थापना की, जो बाद में भोजशाला के रूप में जानी जाने लगी। इस भोजशाला को मुगल काल में मस्जिद में परिवर्तित कर दिया गया । हिंदू पक्ष इसके सरस्वती मंदिर होने का दावा करता रहा है, इसके सबूत के तौर पर हिंदू पक्ष की ओर से हाईकोर्ट में तस्वीरें भी पूर्व में पेश की गई । फिलहाल यह भोजशाला केंद्र सरकार के अधीन है और इसका संरक्षण एएसआई करती है। एएसआई ने 7 अप्रैल 2003 को एक आदेश दिया था । जिसके मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है । वही मुसलमान को हर शुक्रवार इस जगह नवाज अदा करने की जगह दी गई है । हिंदू पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूत के उपरांत मस्जिद में यह खुला प्रांगण है । इसके चारों ओर स्तंभ मौजूद हैं। एक प्रार्थना ग्रह है, यहां शिलाओं के विष्णु के मगरमच्छ अवतार, प्राकृतिक भाषा में लिखित दो स्तोत्र मौजूद है। यहां संस्कृत में बहुत छंद भी लिखे हुए हैं । एक लेख में राजा भोज के उत्तराधिकारी उदयादित्य और नरवरमान के लेख भी मौजूद है । हिंदू पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील विष्णु शंकर जैन ने इंदौर में बहस करते हुए वैज्ञानिक सर्वे की अनुमति मांगी थी उसके उपरांत यह सर्वे हुआ है । हिंदू महासभा के पूर्व उपाध्यक्ष संजय हरियाणा ने यह भी बताया संपूर्ण परिसर पूर्व की भांति एक सरस्वती मंदिर के रूप में सनातन संस्कृति और सनातन धर्म के अनुरूप बहुत जल्द सनातनी हिंदुओं को एक भव्य और दिव्य मंदिर भविष्य में यहां देखने को मिलेगा। कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत होने के उपरांत अब बहुत जल्द फैसला हिंदू पक्ष के ही हित में आएगा ऐसी उम्मीद सभी सनातनी हिन्दू करते हैं ।