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महिला आयोग की बेंच ने की कोटा जनसुनवाई 22 प्रकरण आए, समाधान के लिए दिए दिशा-निर्देश

 

कोटा, 19 नवम्बर। राज्य महिला आयोग की बेंच ने मंगलवार को कोटा सर्किट हाउस में जनसुनवाई की। आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज की अध्यक्षता में आयोजित जनसुनवाई में 22 परिवादियों ने शिकायतें आयोग के समक्ष रखी जिनकी सुनवाई करते हुए आयोग अध्यक्ष ने संबंधित अधिकारियों को न्यायोचित कार्यवाही करने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। जनसुनवाई में आयोग के सदस्य सचिव वीरेन्द्र सिंह यादव, सदस्यगण अंजना मेघवाल, सुमित्रा जैन एवं एवं सदस्य (न्यायिक), रजिस्ट्रार व ओएसडी बृज माधुरी शर्मा उपस्थित रहे। एडीएम प्रशासन मुकेश चौधरी, उपखंड अधिकारी गजेन्द्र सिंह, महिला अधिकारिता उपनिदेशक मनोज कुमार मीणा सहित पुलिस अधिकारी एवं अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
जनसुनवाई में कोटा एवं बारां जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से महिला परिवादियों ने उपस्थित होकर समस्याएं रखी एवं आवश्यक कार्यवाही का अनुरोध किया। आयोग अध्यक्ष ने सभी शिकायतों की सुनवाई करते हुए सदस्यगणों की राय लेते हुए उपस्थित संबंधित पक्षों से संवाद कर न्यायोचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। जनसुनवाई में अधिकांश प्रकरण घरेलू हिंसा, पारिवारिक विवाद, मकान, जायदाद में हिस्सेदारी, रेवेन्यू से संबंधित आए। घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवाद के ज्यादातर प्रकरणों में पुलिस के माध्यम से काउंसलिंग की सलाह दी गई।
बिना तलाक के दूसरा विवाह करने के मामले में एफआईआर दर्ज करने एवं आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। पति की मृत्यु के बाद परिवारजनों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की शिकायत पर शिकायतकर्ता के प्रकरण को गहनता से अध्ययन करने और सभी पक्षों को देखते हुए आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही। पति पर हमला करने और मामला दर्ज कराने की शिकायत पर आयोग अध्यक्ष ने सलाह दी कि यदि शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है तो जांच अधिकारी बदलवाते हुए निष्पक्ष जांच कराई जा सकती है।
कोचिंग विद्यार्थियों के हितों के खातिर सतर्कता जरूरी
राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि कोटा शिक्षा नगरी और कोचिंग सिटी के रूप में देशभर में प्रसिद्ध है ऐसे में यहां रह रहे विद्यार्थियों के हितों और उनकी सुरक्षा के मध्यनजर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में नशे की प्रवृत्ति, डिप्रेशन एवं अन्य अनुचित गतिविधियां हावी ना हो, इसके लिए प्रशासन एवं पुलिस के स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग एवं औचक निरीक्षण जैसी कार्यवाही आवश्यक है। उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधीन छात्रावासों, नारी निकेतन इत्यादि भी महिला सुरक्षा के मध्यनजर नियमित निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आयोग के मुख्यालय में हर पीड़िता नहीं पहुंच सकती इसलिए विभिन्न जिलों में जाकर आयोग की बेंच जनसुनवाई करती है। मीडिया द्वारा उजागर किए गए महिला मुद्दों पर भी संज्ञान लिया जाता है।

ब्यूरो चीफ़ शिव कुमार शर्मा
कोटा राजस्थान

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