संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने राहुल गांधी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल के संभल दौरे के लिए जनता से समर्थन मांगा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पांडे ने लिखा, “राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को संभल हिंसा के पीड़ित परिवारों से मिलने जाएगा। लोकतंत्र और न्याय की इस लड़ाई में आपके समर्थन की आवश्यकता है।”
संभल हिंसा पर विवाद गहराया
19 नवंबर को संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश अदालत ने दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद के नीचे हरिहर मंदिर था। 24 नवंबर को दूसरे सर्वेक्षण के दौरान स्थिति हिंसक हो गई। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, जिसमें चार लोगों की जान गई और कई घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने घटनास्थल से छह पाकिस्तान निर्मित और एक अमेरिकी निर्मित कारतूस बरामद किए हैं। पुलिस अधीक्षक केके विश्नोई ने इसे गंभीर मामला बताया और जांच का आश्वासन दिया। हालांकि, स्थानीय लोगों और कई राजनीतिक दलों ने पुलिस की कहानी पर सवाल उठाए हैं।
सपा और कांग्रेस का आरोप
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को संसद में हिंसा का मुद्दा उठाया। उन्होंने इसे बीजेपी की “सुनियोजित साजिश” करार देते हुए पुलिस पर निजी और आधिकारिक हथियारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलाने की मांग की।
कांग्रेस ने भी इसे लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी टीम का बुधवार को हिंसा पीड़ित परिवारों से मिलने का कार्यक्रम है।
स्थानीय लोगों का दावा
संभल के निवासियों का आरोप है कि पुलिस ने हिंसा के दौरान एकतरफा कार्रवाई की। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने घरों में घुसकर तोड़फोड़ की, मुस्लिम युवकों को गोली मारी और महिलाओं को प्रताड़ित किया। एक परिवार ने पुलिस पर शादी की तैयारियों में बाधा डालने और सामान छीनने का आरोप लगाया है।
विपक्ष का आक्रामक रुख
कांग्रेस और सपा के प्रतिनिधिमंडल को अब तक लखनऊ में रोका गया है, लेकिन दोनों दल इस मुद्दे को सड़कों और संसद में उठाने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र और न्याय की लड़ाई बताया है, जबकि सपा ने इसे राज्य में कानून-व्यवस्था की विफलता करार दिया है।
अदालत का आदेश और आगे की राहराहुलe
19 नवंबर के अदालत के आदेश के बाद मस्जिद में सर्वेक्षण टीम के साथ भीड़ के पहुंचने और जय श्री राम के नारे लगने से तनाव बढ़ा। 24 नवंबर को हिंसा के बाद यह मामला न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रहा है।
संभल हिंसा के मामले में सभी पक्षों की भूमिका की गहन जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। इस बीच, राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है