क्या ‘एक देश, एक चुनाव’ का रास्ता होगा साफ: मोदी कैबिनेट ने दी बिल को मंजूरी

ई दिल्ली, 12 दिसंबर 2024: देश में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का सपना अब साकार होने के करीब है। मोदी सरकार ने इस ऐतिहासिक पहल के लिए आवश्यक बिल को मंजूरी दे दी है। यह कदम लोकसभा, विधानसभा, और अन्य चुनावों को एक साथ आयोजित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है।

अगले हफ्ते संसद में पेश होगा बिल

सूत्रों के अनुसार, सरकार अगले हफ्ते इस बिल को संसद में पेश कर सकती है। इससे पहले, राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को भी कैबिनेट ने हरी झंडी दी थी। सरकार इस बिल पर आम सहमति बनाने के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की योजना बना रही है।

क्या है ‘एक देश, एक चुनाव’ का उद्देश्य?

इस पहल का मुख्य उद्देश्य देशभर में लोकसभा, विधानसभा, शहरी निकाय और पंचायत चुनावों को एक साथ आयोजित करना है। इससे चुनावी प्रक्रिया में समय और धन की बचत होगी।

  • लाभ:
    • चुनावी खर्च में कमी।
    • प्रशासनिक दक्षता में सुधार।
    • सुरक्षा बलों पर कम दबाव।
    • विकास कार्यों में रुकावटें कम होंगी।

राम नाथ कोविंद ने जताई थी सहमति की आवश्यकता

पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, जिन्होंने इस समिति का नेतृत्व किया, ने कहा कि यह कदम राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर देश की सेवा के लिए है। उन्होंने इस पहल को देश की जीडीपी को 1% से 1.5% तक बढ़ाने में सहायक बताया।

प्रधानमंत्री मोदी का बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस निर्णय को भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने वाला कदम बताया। उन्होंने इसे ऐतिहासिक और समयानुकूल बताया, जो देश को एक नई दिशा में ले जाएगा।

क्या होगा आगे?

इस बिल के संसद में पेश होने के बाद, सरकार इसे व्यापक चर्चा के लिए विभिन्न मंचों पर ले जाएगी। अगर इसे संसद की मंजूरी मिलती है, तो भारत एक नई चुनावी प्रणाली की ओर बढ़ेगा।

‘एक देश, एक चुनाव’ का उद्देश्य सिर्फ चुनावों को एक साथ कराना नहीं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक संगठित और प्रभावी बनाना है।

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