“तिहाड़ से शुरू, झाड़ियों में खत्म: मोहब्बत में हदें पार करने वाले ‘क्राइम रोमियो’ की कहानी!”

दिल्ली की तिहाड़ जेल में पनपी मोहब्बत ने एक खौफनाक मोड़ ले लिया, जब शादीशुदा महिला के प्यार में डूबे आशिक ने उसकी मां का कत्ल कर दिया। यह कहानी जितनी फिल्मी है, उतनी ही दिल दहलाने वाली। दो साल पहले तिहाड़ जेल में मुलाकातें शुरू हुईं। 31 साल के सतीश ने अपने भाई से मिलने के दौरान कविता (काल्पनिक नाम) से दोस्ती की। कविता भी जेल में बंद अपने पति से मिलने आती थी। दोनों के बीच शुरू हुई बातचीत जल्द ही प्यार में बदल गई।

मां बनी ‘अड़चन’, प्यार बना ‘हत्या की वजह’

जब कविता ने अपनी मां सुमन को बताया कि वह सतीश से शादी करना चाहती है, तो सुमन ने इसका कड़ा विरोध किया। वह चाहती थी कि कविता अपने जेल में बंद पति के साथ वापस घर बसाए। लेकिन सतीश ने इसे अपने प्यार का अपमान समझा और सुमन को “रास्ते से हटाने” का फैसला कर लिया।


कत्ल की फिल्मी पटकथा: मफलर, झाड़ियों और ड्रामा

25 नवंबर को, सतीश ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर सुमन को सोने की चेन दिलाने का लालच दिया और गाड़ी में बिठा लिया।

  • मुफलर से गला घोंटा: सुमन के गले में पीछे बैठे दोस्त ने मफलर कसा।
  • सतीश ने पकड़े पैर: आशिक ने पैर पकड़कर अपनी “मोहब्बत” का रास्ता साफ किया।
  • झाड़ियों में लाश: सुमन की लाश को ग्रेटर नोएडा की झाड़ियों में फेंक दिया गया।

शक के साए में ‘प्यार का ढोंग’

मर्डर के बाद, सतीश ने कविता के साथ मिलकर सुमन को खोजने का नाटक किया। पुलिस की जांच में सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड्स ने सतीश और उसके नाबालिग साथी को बेनकाब कर दिया। सतीश पहले से शादीशुदा था और तलाकशुदा भी। उसने पुलिस को बताया कि वह कविता से कोर्ट मैरिज कर चुका है।


‘तिहाड़ रोमांस’ के सबक

  • जेल में मिलने वाले सिर्फ बंदी नहीं होते, कभी-कभी ‘ड्रीम पार्टनर’ भी बन जाते हैं।
  • प्यार अंधा हो सकता है, लेकिन मफलर और झाड़ियों के साथ ये खतरनाक भी हो सकता है।

पुलिस का काम जारी

सतीश और उसके नाबालिग साथी को गिरफ्तार कर लिया गया है, और तीसरे आरोपी की तलाश जारी है।

नतीजा:
इस कहानी ने दिखा दिया कि मोहब्बत की हदें पार करना हर बार खूबसूरत नहीं होता। तिहाड़ जेल से शुरू हुआ प्यार, झाड़ियों में दफन हो गया।

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट

संबंधि‍त ख़बरें

सोना चांदी की कीमत