“किरोड़ी लाल मीणा का डर: नरेश मीणा मामले में क्यों बैकफुट पर आए मंत्री?”

जयपुर, 14 फरवरी 2025: राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा इन दिनों सियासी उठापटक के बीच चर्चा में हैं। पहले उन्होंने अपनी ही सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाकर बवाल खड़ा किया, और अब नरेश मीणा मामले में खुद को दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे नरेश मीणा के आंदोलन से जुड़े किसी भी प्रचार में उनकी तस्वीरों या वीडियो का इस्तेमाल न करें। इसके पीछे क्या वजह है? क्या पार्टी का नोटिस मिलने के बाद किरोड़ी लाल मीणा डर गए हैं?

फोन टैपिंग के आरोप और पार्टी का नोटिस

किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में राजस्थान सरकार पर फोन टैपिंग के गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद भाजपा ने उन्हें एक नोटिस जारी किया, जिसके बाद मीणा ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए मामले को शांत करने की कोशिश की। लेकिन इस घटना के बाद से उनकी छवि पर असर पड़ा है, और अब वे किसी भी विवादास्पद मामले में खुद को शामिल करने से बच रहे हैं।

नरेश मीणा मामले में क्यों दूरी बना रहे हैं किरोड़ी?

25 फरवरी को नरेश मीणा के नेतृत्व में विधानसभा घेराव का आयोजन किया जाना है। इस आंदोलन से जुड़े समर्थक किरोड़ी लाल मीणा को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें और वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। लेकिन किरोड़ी लाल मीणा ने इससे खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “मैं जनता के सहयोग के लिए 3 बार समरावता गया। जेल में आंदोलनकारियों से भी मिला। लेकिन अब आंदोलनकारी विधानसभा का घेराव करने वाले हैं। कृपया इससे जुड़े बैनर-पोस्टरों में मेरे फोटो व पुराने वीडियो आदि का उपयोग नहीं करें, क्योंकि मैं सरकार का हिस्सा हूं। इससे मुझे समस्या खड़ी हो सकती है।”

क्या नोटिस के बाद बैकफुट पर आए किरोड़ी?

किरोड़ी लाल मीणा के इस कदम को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है। कई लोगों का मानना है कि पार्टी का नोटिस मिलने के बाद वे बैकफुट पर आ गए हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी इस पोस्ट को लेकर यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर माखनलाल मीणा ने लिखा, “आप कल-परसों कह रहे थे सरकार मेरी सुन ही नहीं रही, अब एक नोटिस क्या दे दिया? आप डर गए। जब खुद की पार्टी की सरकार आपकी नहीं सुन रही, तो उसके नियम-कायदों को ताक पर रखो और समाज के साथ रहो।”

क्या है नरेश मीणा मामला?

नरेश मीणा राजस्थान के एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो लंबे समय से सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। उनके समर्थकों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है। इसी को लेकर 25 फरवरी को विधानसभा घेराव का आयोजन किया जा रहा है।

क्या किरोड़ी लाल मीणा का डर जायज है?

किरोड़ी लाल मीणा के इस कदम को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि वे पार्टी के भीतर हो रही अनुशासनहीनता के चलते सतर्क हो गए हैं। उन्हें डर है कि अगर वे नरेश मीणा के आंदोलन से जुड़े तो पार्टी के नियमों का उल्लंघन हो सकता है, जिससे उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंच सकता है।

निष्कर्ष

किरोड़ी लाल मीणा का यह कदम उनकी राजनीतिक सूझबूझ को दर्शाता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या वे अपने समर्थकों और सामाजिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बना पाएंगे? आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि किरोड़ी लाल मीणा इस मामले में किस तरह की रणनीति अपनाते हैं।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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