Rajasthan Bugdet 2025: राजस्थान में पेयजल संकट से राहत के लिए बजट में बड़े ऐलान

राजस्थान में पेयजल संकट को दूर करने के लिए वित्त मंत्री दिया कुमारी ने भजनलाल सरकार के दूसरे पूर्ण बजट में कई अहम घोषणाएं की हैं। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना राम जल सेतु लिंक परियोजना को गति देने के लिए 9,400 करोड़ रुपये के कार्य प्रारंभ किए गए हैं। जल जीवन मिशन के तहत 2 लाख घरों को नए पानी कनेक्शन से जोड़ा जाएगा।

जल संकट से निपटने के लिए बड़े कदम

पूर्वी राजस्थान की राम जल सेतु लिंक परियोजना के तहत 12,400 करोड़ रुपये के टेंडर हो चुके हैं और 12,807 करोड़ रुपये के कार्यों को मंजूरी मिल चुकी है। अब इस योजना के लिए 9,300 करोड़ रुपये के नए कार्य किए जाएंगे।

किसानों को होगा बड़ा लाभ

जल संकट से निपटने के लिए ईआरसीपी कॉरपोरेशन का उन्नयन कर राजस्थान वाटर ग्रिड कॉरपोरेशन स्थापित किया जाएगा।

  • 3.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली के लिए 1,250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • 50,000 नए तालाब बनाए जाएंगे।
  • 20,000 किमी सिंचाई पाइपलाइन बिछाने के लिए 900 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
  • इससे प्रदेश के 4 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा।

2 लाख घरों में नल कनेक्शन

जल जीवन मिशन के तहत 2 लाख घरों में 400 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल आपूर्ति की जाएगी। इस मिशन को 2028 तक बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद व्यक्त किया गया है।

  • एक साल में 1,301 करोड़ रुपये के कार्यादेश जारी किए गए।
  • 41,000 करोड़ रुपये से अधिक के निविदा कार्यान्वित किए गए।
  • पेयजल सेवाओं के लिए 1,050 नए तकनीकी पद सृजित किए जाएंगे।
  • अगले वर्ष 1,000 ट्यूबवेल और 1,500 हैंडपंप लगाए जाएंगे।

राम जल सेतु लिंक परियोजना के लाभार्थी जिले

इस परियोजना से राजस्थान के 17 जिले और मध्यप्रदेश के 13 जिले लाभान्वित होंगे। राजस्थान में जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर और टोंक जिलों में पेयजल उपलब्ध होगा। मध्यप्रदेश के गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, देवास, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़ को भी इस योजना से पानी मिलेगा।

राजस्थान को मिलने वाला जल वितरण

  • 4102.60 एमसीएम पानी राजस्थान को मिलेगा।
  • 1744 एमसीएम पेयजल, 205.75 एमसीएम औद्योगिक उपयोग के लिए होगा।
  • 1159.38 एमसीएम जल नए सिंचित क्षेत्र के लिए आरक्षित।
  • 615.43 एमसीएम पानी पूर्व निर्मित बांधों में जल अपवर्तन हेतु उपयोग।
  • 108 एमसीएम भू-जल पुनर्भरण और 270 एमसीएम जल आपातकालीन जरूरतों के लिए सुरक्षित।

राजस्थान सरकार की इन योजनाओं से राज्य में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे नागरिकों और किसानों को राहत मिलेगी।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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