राजस्थान विधानसभा में सरकार और विपक्ष के बीच पिछले चार दिनों से जारी गतिरोध आखिरकार समाप्त हो गया। विधानसभा से निलंबित किए गए छह कांग्रेस विधायकों को बहाल करने पर सहमति बन गई है। इसके बाद सभी निलंबित विधायक सदन से बाहर चले गए और कार्यवाही सामान्य रूप से आगे बढ़ी।
स्पीकर का डोटासरा ने जताया आभार
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने बड़ा दिल दिखाया और सत्ता पक्ष ने गतिरोध खत्म करने की पहल की। डोटासरा ने स्पीकर को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में विपक्ष को हमेशा संरक्षण मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी से यह विवाद उत्पन्न हुआ, जिससे कांग्रेस विधायकों को अध्यक्ष की टेबल तक जाना पड़ा। उन्होंने इसे खेदजनक बताया और भविष्य में सदन में सौहार्दपूर्ण चर्चा की अपील की।
विकास पर चर्चा की अपील
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि जो कुछ सदन में हुआ, वह नहीं होना चाहिए था। अब जब गतिरोध समाप्त हो गया है, तो सरकार और विपक्ष को मिलकर राजस्थान के विकास पर चर्चा करनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने भी स्पीकर से गतिरोध समाप्त करने का अनुरोध किया, जिसके बाद बहाली का निर्णय लिया गया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब मंत्री अविनाश गहलोत ने सदन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ‘आपकी दादी’ कहकर संबोधित किया। कांग्रेस विधायकों ने इस टिप्पणी को असंसदीय करार दिया और कड़ा विरोध जताया। इसके बाद छह विधायकों को निलंबित कर दिया गया, जिससे कांग्रेस भड़क उठी और चार दिन तक विधानसभा में धरना दिया।
इस विवाद के कारण विधानसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी और सरकार व विपक्ष के बीच बातचीत के दौर भी चले। अंततः स्पीकर और सत्ता पक्ष की पहल पर गतिरोध समाप्त हुआ और सभी निलंबित विधायकों की बहाली कर दी गई। अब उम्मीद है कि सदन में विकास और जनहित के मुद्दों पर चर्चा होगी।
