नूरपुर के स्वयं शम्भू डिब्केश्वर महादेव शिव मंदिर सुलयाली में महाशिवरात्रि पर्व की धूम देखने को मिल रही है। प्रातःकाल से ही भक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना में लीन हो गए। यहां पर महाशिवरात्रि का पर्व दो दिन तक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बारिश के बावजूद शिव भक्तों की श्रद्धा में कोई कमी नहीं आई और वे निरंतर भगवान शिव के दर्शन और पूजन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं।
प्राचीन गाथा और शिवलिंग की मान्यता
इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, यह शिव गुफा हजारों वर्ष पुरानी है, जहां भगवान भोलेनाथ स्वयं शम्भू के रूप में विराजमान हैं। मान्यता है कि किसी समय इस गुफा से दूध की धाराएं बहा करती थीं, जिससे स्वयंभू शिवलिंग प्रकट हुआ था। इस चमत्कारिक शिवलिंग को देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
शिवरात्रि का विशेष महत्व
मंदिर के पुजारी दिनेश गिरी ने बताया कि महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की रात्रि है। शिव अनंत और सर्वज्ञ हैं, वे सभी जीवों के कार्यों पर दृष्टि रखते हैं। उन्होंने कहा, “शिवरात्रि को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाना चाहिए। भगवान शिव हमारे परमपिता परमेश्वर हैं और उनकी आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।”
श्रद्धालुओं की भक्ति और मंदिर की दिव्यता
डिब्केश्वर महादेव मंदिर कमेटी के सदस्य और शिव भक्त नरेश शर्मा ने बताया कि हजारों भक्त हर साल यहां आकर भगवान शिव की आराधना करते हैं और अलौकिक आनंद का अनुभव करते हैं। यह स्थल प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक आस्था का अनूठा संगम है। यहां स्थित प्राचीन गुफा और स्वयंभू शिवलिंग इस स्थान को विशेष महत्व प्रदान करते हैं।
श्रद्धालुओं की आस्था और मंदिर की पौराणिक मान्यताओं के चलते डिब्केश्वर महादेव मंदिर महाशिवरात्रि पर विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
