राजस्थान कांग्रेस में बड़ा फेरबदल: निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी, डोटासरा की नई रणनीति

अलवर | राजस्थान कांग्रेस में संगठन को मजबूत करने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के दिल्ली दौरे के बाद निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने का मास्टर प्लान बनाया गया है। पार्टी अब उन कार्यकर्ताओं को मौका देना चाहती है जो सक्रिय रूप से संगठन के लिए काम कर रहे हैं।

कांग्रेस संगठन में बदलाव की कवायद

राजस्थान कांग्रेस ने प्रदेश की सभी 11 विधानसभा सीटों पर पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए प्रभारी नियुक्त किए हैं। ये प्रभारी ब्लॉक स्तर तक जाकर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे और निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने की सिफारिश करेंगे।

200 नए समन्वयक होंगे नियुक्त

डोटासरा के निर्देशानुसार, प्रदेश भर में 200 नए समन्वयक नियुक्त किए जाएंगे। इनका मुख्य कार्य पार्टी को मजबूत करना और आगामी चुनावों के लिए जमीनी स्तर पर संगठन को सक्रिय करना होगा।

अलवर जिले पर खास फोकस

अलवर जिले में कांग्रेस संगठन की स्थिति सुधारने के लिए विशेष रणनीति बनाई गई है। अलवर शहर सीट प्रभारी और पीसीसी सचिव कृष्णा शर्मा ने बताया कि पार्टी फूलबाग में एआईसीसी महासचिव जितेंद्र सिंह और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से बैठक कर चुकी है।

उन्होंने कहा कि निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने और नए कार्यकर्ताओं को जोड़ने का काम जल्द शुरू होगा। पार्टी चाहती है कि जो कार्यकर्ता मीटिंग्स में शामिल नहीं होते और संगठन के लिए काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें हटाकर नए लोगों को मौका दिया जाए।

कैसे होगा बदलाव?

प्रभारियों की रिपोर्ट के आधार पर निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाया जाएगा।

नए समर्पित और सक्रिय कार्यकर्ताओं को संगठन में शामिल किया जाएगा।

ब्लॉक और मंडल स्तर पर फीडबैक लिया जाएगा।

एमएलए, उम्मीदवार और अन्य प्रमुख नेताओं के साथ बैठकें होंगी।

डोटासरा की रणनीति पर कांग्रेस की नजर

राजस्थान कांग्रेस में यह बड़ा बदलाव संगठन को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। पार्टी के नेता इसे आगामी लोकसभा चुनावों से पहले संगठन को धारदार बनाने की कवायद बता रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस बदलाव से कांग्रेस को कितना फायदा मिलता है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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