मध्य पूर्व में तनाव अब खुली जंग में तब्दील हो चुका है। इज़रायल और ईरान के बीच लंबे समय से चल रहे मतभेद अब सीधे सैन्य टकराव में बदल चुके हैं। शुक्रवार तड़के इज़रायली एयरफोर्स ने ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हुए भीषण एयरस्ट्राइक्स की। इस हमले में ईरान को बड़ा नुकसान हुआ है और इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के वरिष्ठ कमांडर मेजर जनरल घोलम अली रशीद की मौत की पुष्टि हुई है।
मेजर जनरल रशीद की मौत से ईरान को बड़ा झटका
ईरानी सरकारी मीडिया के मुताबिक, एयरस्ट्राइक्स में मारे गए मेजर जनरल घोलम अली रशीद, ख़तम-अल-अनबिया मुख्यालय के कमांडर थे। उन्होंने ईरान-इराक युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाई थी और देश के सैन्य ढांचे में एक प्रभावशाली चेहरा माने जाते थे। उनकी मौत ने ईरानी सैन्य नेतृत्व को गहरा झटका दिया है।
जवाबी कार्रवाई में ईरान का पलटवार
इज़रायली हमलों के कुछ घंटों बाद ही ईरान ने भी पलटवार करते हुए इज़रायल पर 100 से अधिक ड्रोन दागे। हालांकि इनमें से अधिकांश को इज़रायली डिफेंस सिस्टम ने नष्ट कर दिया। लेकिन इस हमले ने यह साफ कर दिया है कि ईरान युद्ध को लंबे समय तक खींचने के लिए तैयार है।
नेतन्याहू और खामेनेई के तीखे बयान
इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि “ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाएं क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए खतरा हैं, और हमारी कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक हम उन्हें पूरी तरह निष्क्रिय नहीं कर देते।” वहीं ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने कहा कि “इज़रायल को इस हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हमारी कार्रवाई अब रुकेगी नहीं।”
युद्ध की आशंका और वैश्विक चिंता
इस घटनाक्रम ने न सिर्फ मध्य पूर्व बल्कि पूरी दुनिया में चिंता की लहर दौड़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दोनों देशों के बीच युद्ध लंबा खिंचता है, तो इसका असर तेल की कीमतों, वैश्विक बाज़ार और क्षेत्रीय स्थिरता पर गहरा पड़ सकता है।
ये भी पढिये..
अहमदाबाद विमान हादसे ने छीना सपना: लंदन जा रही खुशबू की मौत, एयरपोर्ट पर हुई थी अंतिम विदाई
