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नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को पोक्सो कोर्ट ने सुनाई 20 वर्ष कठोर कारावास तथा ₹ 21,000 जुर्माने की सजा।

राजसमन्द। 17 वर्षीय नाबालिग बालिका को उसके घर से बहला-फुसलाकर व धमकाकर ले जाने व उसके साथ बलात्कार करने के आरोपी योगेंद्र सिंह को पॉक्सो न्यायालय राजसमंद के न्यायाधीश सुनील कुमार पंचोली ने 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा ₹21,000 जुर्माने की सजा से दंडित किया।

विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि दिनांक 28 जून 2021 को पीड़िता के पिता ने थानाधिकारी पुलिस थाना भीम के समक्ष उपस्थित होकर एक रिपोर्ट पेश की कि उसकी नाबालिग पुत्री दिनांक 26 जून 2021 को रात को 9:00 बजे के लगभग घर पर बिना बताए कहीं चली गई है, जिसके रात भर घर पर ना आने के कारण उसने गांव में आसपास व रिश्तेदारी में ढूंढने का प्रयास किया, परंतु उसका कोई पता नहीं चला है। योगेंद्र सिंह भी घर से 2 दिन से गायब है, उसे शक है कि योगेंद्र सिंह ही उसकी पुत्री को अपने साथ लेकर गया है। योगेंद्र सिंह का फोन लगातार बंद आ रहा है.. इत्यादि। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस थाना भीम द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर, आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर पोक्सो न्यायालय राजसमंद में अभियुक्त योगेंद्र सिंह के विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया।

न्यायालय में राज्य सरकार व पीड़िता की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 14 गवाह तथा 22 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए। न्यायालय में पीड़िता ने कथन किया की घटना वाली रात को योगेंद्र सिंह ने उसे धमकी दी थी कि वह अभी जेवर लेकर घर से गांव के बाहर आए नहीं तो वह उसके भाई को मार देगा, इस पर वह घर से रखड़ी ,कंदोरा, कान के टॉप्स, व अन्य जेवर लेकर गांव के बाहर गई, जहां उसे मैदान में योगेंद्र सिंह मिला। वह योगेंद्र को जेवर देने गई, वहां से योगेंद्र उसे किडनैप करके ले गया । योगेंद्र उसे गाड़ी में बिठाकर चौराहे पर लेकर गया तथा बस में बिठाकर अहमदाबाद होते हुए मुंबई से आगे लेकर गया जहां एक कमरे में उसने पीड़िता को 15 – 20 दिन तक रखा तथा अभियुक्त ने जबरदस्ती उसके साथ बहुत बार बलात्कार किया।

न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अभियुक्त योगेंद्र सिंह पिता खीम सिंह निवासी खयातों का बाडिया, बोरवा पुलिस थाना भीम को दोष सिद्ध घोषित किया। न्यायालय ने अभियुक्त को धारा 363 भारतीय दंड संहिता तथा धारा 5(l) /6 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत दोषी मानते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा ₹21,000 जुर्माने की सजा से दंडित किया गया। साथ ही न्यायालय ने पीड़िता को 2,00,000/- प्रतिकर राशि बतौर क्षतिपूर्ति दिलाए जाने का आदेश प्रदान किया।

अभियोजन पक्ष द्वारा प्रकरण में FSL/Bio रिपोर्ट तथा FSL/DNA रिपोर्ट न्यायालय में प्रदर्शित कराई गई । FSl / Bio रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता की अंडरवियर पर मानव वीर्य डिटेक्ट हुआ तथा FSL/ DNA रिपोर्ट के निष्कर्ष के अनुसार पीड़िता की अंडरवियर पर मौजूद stain से Male DNA profile obtain हुई, जिसका मिलान अभियुक्त के FTA कार्ड पर लिए गए ब्लड सैंपल से obtain की गई male डीएनए प्रोफाइल से होना पाया गया । इस प्रकार उक्त रिपोर्ट से स्पष्ट प्रकट हुआ कि पीड़िता की अंडरवियर पर मौजूद stain से obtain की गई मेल डीएनए प्रोफाइल एवं अभियुक्त के FTA कार्ड पर लिए गए ब्लड सैंपल से obtain की गई मेल डीएनए प्रोफाइल समान थी। जिससे भी यह साबित हुआ कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ बलात्कार किया था, इसीलिए उसकी डीएनए प्रोफाइल वाला मानव वीर्य पीड़िता की अंडरवियर पर पाया  गया।

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