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संभल हिंसा: राजनीति गरमाई, विपक्ष ने योगी सरकार पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा ने राज्य की सियासत को गर्मा दिया है। कांग्रेस, सपा और अन्य विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर कड़ी आलोचना की है। हिंसा में पांच लोगों की मौत और कई अन्य घायल होने की खबर है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प ने हालात को तनावपूर्ण बना दिया।

राहुल गांधी ने केंद्र और राज्य सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना को भाजपा सरकार की नाकामी बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा कि “सरकार ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया है, जिससे हिंसा और बढ़ी। भाजपा का हिंदू-मुस्लिम समाजों के बीच दरार पैदा करने का प्रयास प्रदेश और देश दोनों के लिए हानिकारक है।” उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि ऐसी घटनाओं से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ता है।

इमरान मसूद का पुलिस पर गंभीर आरोप

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने पुलिस पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “पुलिस ने लड़कों पर सीधे गोली चलाई, जिससे स्थिति भयावह हो गई। कानून सभी के लिए समान होना चाहिए, लेकिन यहां पुलिस की भूमिका पक्षपातपूर्ण रही।”

सपा और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

सपा नेता अखिलेश यादव ने घटना को उपचुनाव में धांधली से ध्यान भटकाने की साजिश करार दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एक बार मस्जिद का सर्वे हो चुका था, तो बिना तैयारी दूसरा सर्वे क्यों कराया गया? सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने इसे साजिश बताते हुए पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “सरकार के इशारे पर निर्दोषों की जान ली गई।”

चंद्रशेखर आज़ाद और अफजाल अंसारी का बयान

नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद रावण ने हिंसा को पुलिस और प्रशासन की विफलता करार दिया। उन्होंने धार्मिक स्थलों पर बार-बार सर्वे करने की निंदा की। वहीं, अफजाल अंसारी ने कहा कि बेगुनाहों पर कार्रवाई के नाम पर सरकार अपनी विफलता छिपा रही है।

सरकार और प्रशासन का पक्ष

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने घटना को “दुखद” बताते हुए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के आदेश पर सर्वेक्षण चल रहा था। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने भी हालात की समीक्षा करने और आवश्यक कार्रवाई की बात कही।

स्थिति नियंत्रण में, लेकिन सवाल बरकरार

संभल में हुए पथराव और फायरिंग के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि, इस घटना ने प्रशासन की भूमिका और राज्य सरकार की नीतियों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर माहौल खराब किया, जबकि सरकार ने निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का वादा किया है।

यह घटना उत्तर प्रदेश की राजनीति में सांप्रदायिकता और कानून-व्यवस्था के सवालों को फिर से चर्चा में ले आई है। आने वाले दिनों में इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी और बढ़ सकती है।

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