महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति (भाजपा, शिवसेना-शिंदे गुट, और एनसीपी अजित पवार गुट) की प्रचंड जीत के बाद शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस, शिवसेना-यूबीटी, और शरद पवार गुट) को भारी हार का सामना करना पड़ा, जहां गठबंधन 50 से कम सीटों पर सिमट गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को दोषी ठहराया और बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग की।
ईवीएम पर सवाल
संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह परिणाम संदिग्ध हैं और उन्होंने ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग दोहराई। उनका आरोप है कि पोस्टल बैलट में महाविकास अघाड़ी की बढ़त थी, लेकिन अचानक नतीजे बदल गए। उन्होंने कहा, “यह कैसे संभव है कि पहले हम 140-145 सीटों पर आगे थे और फिर एक घंटे में नतीजे पूरी तरह बदल गए?”
चुनाव नतीजों को खारिज करने की मांग
राउत ने कहा कि उन्हें यह नतीजे स्वीकार नहीं हैं और जनता भी इसे नहीं मानेगी। उन्होंने कहा कि बैलट पेपर के माध्यम से चुनाव कराए जाएं ताकि निष्पक्षता पर विश्वास बहाल हो सके। यह पहली बार नहीं है जब राउत ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि ईवीएम के उपयोग से जनता के फैसले को गलत दिशा दी जा रही है।
महाविकास अघाड़ी की हार पर चर्चा
चुनाव में महाविकास अघाड़ी की करारी हार ने उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 288 सीटों वाले महाराष्ट्र में महायुति को 230 सीटों की बड़ी जीत मिली, जिससे विपक्ष को जोरदार झटका लगा।
आगे की राह
संजय राउत और महाविकास अघाड़ी ने ईवीएम के खिलाफ आवाज उठाई है, लेकिन यह देखना होगा कि बैलट पेपर से चुनाव कराने की उनकी मांग पर चुनाव आयोग और अन्य दलों का क्या रुख होता है। फिलहाल, महाराष्ट्र की राजनीति में यह मुद्दा चर्चा का केंद्र बना हुआ है।