जयपुर: राजस्थान में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा द्वारा लगाए गए फोन टैपिंग के आरोपों ने भजनलाल सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। लेकिन इस बीच कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के एक बयान ने उनकी ही पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खाचरियावास ने खुलासा किया कि गहलोत सरकार के दौरान भी फोन टैपिंग हुई थी, लेकिन तब विधानसभा में उसका जवाब दे दिया गया था।
कैसे आया नया विवाद?
राजस्थान में फोन टैपिंग का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार पर अपने फोन टैप करने का आरोप लगाया, जिससे विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। लेकिन इस मुद्दे पर कांग्रेस की घेराबंदी करते हुए प्रताप सिंह खाचरियावास ने खुद ही यह कबूल कर लिया कि गहलोत सरकार में भी फोन टैपिंग होती थी!
प्रताप सिंह ने क्या कहा?
मीडिया से बातचीत में खाचरियावास ने कहा,
“हमने तो सोचा था कि यह सरकार दो-तीन साल में फेल होगी, लेकिन यह तो एक साल में ही फेल हो गई। राजस्थान के मंत्रियों के फोन टैप किए जा रहे हैं, किरोड़ी लाल मीणा लगातार चिल्ला रहे हैं कि उनके फोन सुने जा रहे हैं।”
जब पत्रकारों ने गहलोत सरकार में ओएसडी लोकेश शर्मा के फोन टैपिंग के आरोपों पर सवाल किया, तो खाचरियावास ने चौंकाने वाला जवाब दिया। उन्होंने कहा,
“हमारी सरकार में फोन टैपिंग हुई थी, लेकिन हमने विधानसभा में इसका जवाब दिया था।”
क्या यह कांग्रेस के लिए आत्मघाती बयान?
खाचरियावास के इस बयान के बाद बीजेपी को कांग्रेस पर हमला करने का बड़ा मौका मिल गया है।
- बीजेपी का कहना है कि गहलोत सरकार में भी फोन टैपिंग होती थी, लेकिन कांग्रेस अब भजनलाल सरकार पर सवाल उठा रही है।
- इस बयान के बाद कांग्रेस अपने ही जाल में फंसती नजर आ रही है।
डोटासरा का हमला – ‘बीच में ही गिर सकती है सरकार!’
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भजनलाल सरकार पर जोरदार हमला बोला और कहा,
“फोन टैपिंग के मामले में सरकार को बीच में ही जाना न पड़ जाए। अगर कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का फोन टैप हो रहा है, तो मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए। या तो वे इस आरोप को नकारें, या फिर मंत्री को बर्खास्त करें।”
कानून व्यवस्था पर भी उठे सवाल
पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सरकार की कानून-व्यवस्था को लेकर भी निशाना साधा।
- उन्होंने धौलपुर में परिवहन विभाग के अधिकारियों को पुलिस हिरासत में रखने की घटना को याद दिलाते हुए कहा,
“इस सरकार में पुलिस और परिवहन विभाग के बीच वसूली को लेकर कंपटीशन चल रहा है। बिना पैसे दिए किसी भी विभाग में कोई काम नहीं हो रहा है, जनता बुरी तरह पिस रही है।”
विधानसभा में हंगामा, जवाब देने की मांग
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
“जब तक मुख्यमंत्री इस मामले पर जवाब नहीं देंगे, तब तक सदन नहीं चलने देंगे।”
आगे क्या होगा?
अब सवाल यह है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस विवाद पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं?
- क्या सरकार कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों को खारिज करेगी?
- या फिर फोन टैपिंग मामले में जांच के आदेश दिए जाएंगे?
राजस्थान में इस नए राजनीतिक घमासान से सियासत और गरमाने वाली है। देखना होगा कि यह मामला सरकार के लिए कितना घातक साबित होता है!
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