18 दिनों से ठप पड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था राजस्थान में फिर लौट आई है, जहां मंगलवार को लोगों के अस्पतालों और सरकार के बीच स्वास्थ्य अधिकार पर सहमति बनने के बाद बुधवार को फिर से प्रदेश के अस्पतालों में चहल-पहल शुरू हो गई. खबरों के मुताबिक करीब 18 दिनों के बाद 2000 से ज्यादा निजी अस्पतालों में सुबह 8 बजे से ओपीडी सेवा शुरू की गई जहां डॉक्टर मरीजों का इलाज करते हैं. इस बीच अस्पताल के खुलने का इंतजार कर रहे मरीजों ने डॉक्टरों के पहुंचने पर राहत की सांस ली।
हालांकि कुछ डॉक्टर अनुबंध को लेकर अभी भी नाराज बताए जा रहे हैं, डॉक्टरों के संघ ने घोषणा की कि उन्होंने मंगलवार को हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है। मालूम हो कि मेडिकल बिल प्राप्त करने के अधिकार को लेकर राज्य सरकार और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के बीच हुए विवाद को सुलझाने के लिए समझौते के तहत बिंदु 8 पर सहमति बनी थी, जिसके बाद सामान्य तौर पर काम बंद करने का फैसला किया गया था.
बताया जाता है कि बुधवार को निजी अस्पताल में मरीजों का आना शुरू होने के बाद मरीजों का जत्था फाइल तैयार करने ओपीडी के काउंटर पर आ गया. साथ ही डॉक्टरों और मरीजों के बीच पुराने रिश्ते भी देखे गए। ज्ञात हो कि राजस्थान में स्वास्थ्य के अधिकार (RTH) को समाप्त करने के बाद राजस्थान स्वास्थ्य अधिकार जारी करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। वहीं, राज्य सरकार और डॉक्टरों के बीच हुए समझौते के बाद अब सभी सरकारी कॉलेज, सरकारी अस्पताल और निजी कॉलेज, अस्पताल पीपीपी शर्तों के तहत काम कर रहे हैं और ट्रस्ट के माध्यम से काम करने वाले निजी अस्पताल स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधीन आ जाएंगे. वहीं, डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त करने के बाद सीएम ने उन्हें धन्यवाद दिया.
बता दें कि सरकार के साथ हुए समझौते के मुताबिक निजी कॉलेज इस विधेयक के अंत तक आ गए हैं, जिसके बाद राजस्थान के 9 मेडिकल कॉलेजों को कानून का लाभ मिलेगा. राजस्थान का गीतांजलि मेडिकल कॉलेज, उदयपुर, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, जयपुर, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान, जयपुर, पैसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, उदयपुर, अनंत मेडिकल कॉलेज, उदयपुर, जेएनयू मेडिकल कॉलेज, जयपुर, अमेरिकन मेडिकल कॉलेज, उदयपुर, पैसिफिक यह आदेश मेडिकल कॉलेज, उदयपुर एवं डॉ. एसएस टांटिया मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एंड रिसर्च, श्रीगंगानगर पर लागू होगा.