राजस्थान की दौसा साइबर क्राइम पुलिस ने दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. स्वच्छ भारत परियोजना के तहत शौचालय निर्माण के लिए ऑनलाइन निवेश के नाम पर 1 लाख 99 हजार 450 रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की गयी. ऑनलाइन ठगी के आरोपी अब जेल में हैं।
पुलिस आयुक्त दौसा वंदिता राणा के आदेश पर साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दौसा बजरंग सिंह शेखावत के सुपरविजन में साइबर क्राइम स्टेशन निदेशक सुगन चंद एवं पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया. डायना का बास सीकरी जिला पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.
धर्मपुरा गांव के हनुमान सहाय शर्मा के पुत्र कमलेश कुमार शर्मा ने 20 अगस्त 2023 को सैथल दौसा जिले के पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि एक अज्ञात फोन नंबर से कॉल आई थी. उसने खुद को स्वच्छ भारत अभियान का कर्मचारी बताया और मुझसे कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत लैटबाथ के लिए 12,000 रुपये की राशि स्वीकृत की जाती है, जो आपके बैंक खाते में जमा नहीं हो पा रही हैं. उन्होंने मुझे भरोसे में लिया और प्ले स्टोर से AnyDex ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा।
जब उसने मुझसे ऐप का उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड पूछा, तो मैंने उत्तर दिया। फिर उसने मुझसे कहा कि आपके फोन की सीमा खत्म हो गई है, किसी और का नंबर दे दो, मैंने मेरे बगल में धरमपुरा में रहने वाले हरिनराजन के बेटे हेमराज से बात करवा दी, इसके बाद उसने कोई डेक्स ऐप दिया। उसके फोन पर डाउनलोड किया और आईडी पासवर्ड मांगा। कुछ देर बाद मेरे फोन पर 5 बार 99,950 रुपये कटने का मैसेज आया. इसी तरह, हेमराज को तीन बार में 99,500 रुपये की निकासी का मैसेज आया। अज्ञात आरोपी ने मेरे और हेमराज के खाते से कुल एक लाख 99 हजार 450 रुपये का अनाधिकृत ट्रांजेक्शन किया।
इस मामले में साइबर पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और एक विशेष इकाई का गठन किया. साइबर सेल की मदद से तकनीकी जांच के जरिए पुलिस डीग जिले के सीकरी थाना क्षेत्र के डायना का बास इलाके के आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाब रही. आरोपियों और घटना में शामिल अन्य आरोपियों से उगाही की गई रकम बरामद करने के लिए जांच की जा रही है।
अपराधियों ने पीड़ितों को विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों जैसे (स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय और बाथरूम के लिए पैसा) के माध्यम से उनके बैंक खातों में पैसे जमा करने का झांसा देकर उनके फोन पर स्क्रीन शेयरिंग ऐप डाउनलोड करने के लिए धोखा देकर पीड़ितों के बैंक खाते का ऐक्सस प्राप्त कर बैंक खाते में मौजूद राशि को अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिया। रुपये वापस डालने का बहाना बनाकर भी ये आरोपी पीड़ितों के परिचित के बैंक खाते से भी एप डाउनलोड करवाकर खाते से रकम निकाल लेते हैं।