6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप आया। एक शक्तिशाली भूकंप ने कई शहरों को नष्ट कर दिया। दोनों देशों में अब तक 41,000 से अधिक शवों को मलबे से निकाला जा चुका है। इमारतों के खंडहरों से शवों को निकालने की प्रक्रिया चल रही है। दुनिया भर के बचावकर्मी हमेशा लोगों की तलाश में लगे रहते हैं। हालांकि, विकट स्थिति के चलते सभी तक तुरंत मदद नहीं पहुंच पाती है. वहीं संयुक्त राष्ट्र की ओर से बताया गया है कि सीरिया में रेस्क्यू ऑपरेशन बंद होने जा रहा है।
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप से अब तक 41,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 6 फरवरी को दक्षिणपूर्वी तुर्की और उत्तरी सीरिया में आए 7.8 और 7.5 के भूकंप से मरने वालों की संख्या नौ घंटे के दौरान 41,000 से अधिक हो गई। दमिश्क में सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 2,166 हो गई है। व्हाइट हेल्मेट्स सहायता समूह के अनुसार, जहां सरकारी नियंत्रण वाले क्षेत्रों में 1,414 लोग मारे गए थे। सीरिया में मरने वालों की कुल संख्या 5,814 है।
तुर्की में भूकंप से प्रभावित लोगों के लिए दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. तुर्की भूकंप में बचावकर्मी विनाश के 200 घंटे से अधिक समय के बाद जीवित बचे लोगों को खोजने की उम्मीद में मलबे को साफ करना जारी रखे हुए हैं। इस बीच 212 घंटे के बाद 77 वर्षीय एक व्यक्ति को मलबे से निकाल लिया गया। सहायता एजेंसियों और सरकार ने तुर्की और सीरिया में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में सहायता भेजने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
आपदा के दो सौ घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी, बचावकर्मी अभी भी मलबे को हटाने के लिए काम कर रहे हैं और जीवित बचे लोगों को खोजने की उम्मीद कर रहे हैं। रॉयटर्स समाचार एजेंसी के मुताबिक, मंगलवार को तुर्की में मलबे से 9 लोगों को बचाया गया। अभी बचाव इस कड़ी सर्दी के दौरान उन लोगों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जिनके पास भोजन और आश्रय नहीं है। तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने कहा कि भूकंप के बाद स्थिति अब नियंत्रण में है।
एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों के लिए तुर्की और सीरिया में तैनात हैं। ये टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन से लेकर इलाज तक का काम कर रही है। सेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमान के जरिए तुर्की और सीरिया में मोबाइल, अस्पताल, दवाइयां और कई राहत सामग्रियों से भरी 5 फ्लाइट भेजी जा चुकी हैं। इसके अलावा सी-130जे विमान से भी आपूर्ति भेजी गई।
