मानव सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है, सेवा से शत्रु भी मित्र हो जाता है पढ़ें इससे जुड़े 5 अनमोल सीख

मानवता में विश्वास मत खोना। मनुष्य समुद्र के समान है। ऐसे में अगर इस महासागर का थोड़ा सा पानी भी गंदा हो जाए तो पूरा समुद्र गंदा नहीं हो जाता। व्यक्ति को हमेशा अपना जीवन इस व्यक्ति की सेवा में समर्पित करना चाहिए क्योंकि व्यक्ति व्यक्ति का केवल अच्छा चरित्र ही नहीं बल्कि उसका धर्म … Read more