कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को एक पत्र लिखकर सरकारी कर्मचारियों की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यक्रमों में भागीदारी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि किसी भी सरकारी अधिकारी को आरएसएस या उसके संबद्ध संगठनों का सदस्य बनने या समर्थन देने से रोका जाए। प्रियांक खड़गे ने गुरुवार को यह पत्र सार्वजनिक किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि सरकारी कर्मचारी कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियमावली 1966 के नियम 5(1) से बंधे हैं, जिसके तहत वे किसी राजनीतिक संगठन या उससे जुड़ी गतिविधियों में भाग नहीं ले सकते।
पहले भी उठा चुके हैं मुद्दा
यह पहली बार नहीं है जब प्रियांक खड़गे ने यह मांग उठाई हो। इससे पहले भी उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सार्वजनिक स्थानों और सरकारी संपत्तियों पर आरएसएस के कार्यक्रम आयोजित करने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उस समय भी यह मुद्दा राजनीतिक विवाद का कारण बना था।
“निर्देशों के बावजूद अधिकारी शामिल हो रहे हैं” — प्रियांक खड़गे
मंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि“स्पष्ट निर्देशों के बावजूद कई सरकारी अधिकारियों को आरएसएस और उससे संबद्ध संगठनों द्वारा आयोजित गतिविधियों में भाग लेते देखा गया है। यह नियमों का उल्लंघन है और अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।” उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस पर सख्त परिपत्र जारी किया जाए और यह भी चेतावनी दी जाए कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा का पलटवार — “राजनीतिक स्टंट” बताया
भाजपा ने प्रियांक खड़गे के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने इसे “राजनीतिक प्रचार का हथकंडा” बताया। वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि वे स्वयं सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों का आयोजन करेंगे और सरकार को कार्रवाई करने की चुनौती दी।
भाजपा ने जारी की मल्लिकार्जुन खड़गे की पुरानी तस्वीर
इस विवाद के बीच भाजपा ने एक तस्वीर जारी की, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एक आरएसएस कार्यक्रम में नजर आ रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रियांक खड़गे ने कहा कि “वह तस्वीर पुरानी है, जब मेरे पिता कर्नाटक के गृह मंत्री थे और उन्होंने वहां केवल यह संदेश देने के लिए भाग लिया था कि आरएसएस के आयोजक सांप्रदायिक तनाव न फैलाएं।”
धमकी मिलने का दावा
प्रियांक खड़गे ने एक वीडियो जारी कर कहा कि आरएसएस के खिलाफ बोलने के बाद उन्हें गालियां और धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देश में किसी संगठन की आलोचना करने पर इस तरह की प्रतिक्रिया अस्वीकार्य है।
🔹 मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को दिया निर्देश
इस बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को निर्देश दिया है कि वे तमिलनाडु सरकार की तरह सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर विचार करें।
Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।






